आंखों शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से एक हैं। इनकी नियमित देखभाल बहुत जरूरी है। उम्र के बढ़ते रहने के साथ आंखों की रोशनी में कमी एक आम समस्या है। दरअसल आखों के आस-पास की मांसपेशियों की कसावट या लचीलापन ही आंखों की सेहत को प्रभावित करता है। आंख के चारों तरफ की मांसपेशियां अगर कसी हुई हैं तो यह स्वस्थ आंखों की निशानी है। आंखों में इस तरह का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम नियमित रूप से आंखो का एक्सरसाइज करते रहें। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के योगासन मौजूद हैं। आज हम उन्हीं योगासनों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल कर आप अपनी नेत्रज्योति की क्षमता आसानी से बढ़ा सकते हैं।
शवासन आखों के लिए उपयुक्त आसन है जिसे करने के बाद न सिर्फ आंखों को आराम मिलता है बल्कि उनकी रोशनी भी बढ़ती है। शवासन के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाइए। शरीर को पूरी तरह से फर्श पर स्थिर और मन को पूरी तरह से सहज और शांत कर लीजिए। इससे शरीर की थकान भी दूर होती है। सर्वांगासन हर अंग के लिए उपयुक्त आसन है। इस आसन को करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है तथा क्रोध और चिड़चिड़ापन से भी राहत मिलता है। इसे करने के लिए सबसे पहले शवासन की अवस्था में लेट जाइए। दोनों हाथ जांघों के बगल में रखते हुए पैरों तथा पीठ को कंधों तक उठाइए। ऐसा करते हुए आपकी ठुड्डी छाती से लगनी चाहिए। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे शवासन की स्थिति में लौट आइए।
आंखों के लिए प्राणायाम काफी फायदेमंद होता है। अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से मानसिक थकान दूर होती है, साथ ही साथ आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। इसके लिए सबसे पहले आप पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाएं। आपकी कमर और गर्दन दोनों सीधी होनी चाहिए। अब अपने अंगूठे से दांई नासिका को बंद करें और बाईं नासिका छिद्र से सांस अंदर खीचें। फिर अपनी बाईं नासिका छिद्र को बंद कर दाईं नासिका-छिद्र से सांस धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। इस पूरी प्रक्रिया को 3-5 मिनट दुहराएं।