Yuri Gagarin

12 अप्रैल 1961 को 27 साल के यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में कदम रख कर इतिहास रच दिया था. वह पहले शख्स थे जिन्होंने दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों को प्रेरणा दी. ये भी कहा जाता है कि रूसी-सोवियत पायलट गागरिन ने ही अंतरिक्ष में मानव उड़ान के युग की शुरुआत की थी. इसलिए हर साल 12 अप्रैल को ‘इंटनेशनल डे ऑफ ह्यूमन स्पेस फ्लाइट’ मनाया जाता है.

आइए जानते हैं यूरी गागरिन (Yuri Gagarin) के बारे में दिलचस्प बातें…

– रूसी-सोवियत पायलट और कॉस्मोनॉट यूरी गैगरिन का जन्म 9 मार्च 1934 में हुआ था.

– 12 अप्रैल, 1961 को यूरी गागरिन ने ‘वोस्ताक-1’ में बैठ कर पृथ्वी का ऑरबिट पूरी की थी.

– आउटर स्पेस में पहुंचने वाले वो दुनिया के पहले इंसान थे. जाने से पहले उन्होंने कहा ‘पोयेखाली’ जिसका अर्थ होता है ‘अब हम चले’. ये दुनिया के लिए ऐसा समय था जब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक आम आदमी आसमान के पार जा सकता है.

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– यूरी ने पृथ्वी की कक्षा में 108 मिनट तक चक्कर लगाया. उन्होंने 203 मील की उंचाई पर 27000 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज गति का सामना किया.

– 16 साल की उम्र में उन्होंने फाउंड्रीमैन के रूप में ट्रेनिंग की. बाद में उन्होंने ट्रैक्टर के बारे में पढ़ाई की. 1955 में सारातोव शहर में उन्होंने कास्टिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा लिया. साथ ही, वहां के फ्लाइंग क्लब में भर्ती हो कर विमान चलाना भी सीखने लगे.

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– जब यूरी 6 साल के थे तब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उनके घर पर एक नाजी अधिकारी ने कब्जा कर लिया था. इसलिए उनका परिवार दो साल तक झोपड़ी में रहा. स्कूल के समय में यूरी गैगरिन का सबसे पसंदीदा विषय मैथ्स था.

– आपको एक मजेदार बात बताएं कि यूरी गैगरिन को उनके छोटे कद के कारण ही इस अभियान के लिए चुना गया था. उनका कद मात्र पांच फुट दो इंच था.

– 1955 में सारातोव शहर में उन्होंने कास्टिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा लिया. साथ ही, वहां के फ्लाइंग क्लब में भर्ती हो कर विमान चलाना भी सीखने लगे.

मृत्यु :

   27 मार्च 1968 को च्कलोवस्की एयर बेस से फ्लाइट की दैनिक ट्रेनिंग करते समय वह और उनके फ्लाइट प्रशिक्षकव्लादिमीर सेर्योगिन की मृत्यु मिग-15UTI में किर्जहाच शहर के पास हुए क्रैश में हो गयी। गैगरिन और सेर्योगिन के शव को रेडस्क्वायर पर दफनाया गया और वही उनका अंतिम संस्कार भी किया गया था। गैगरिन अपने पीछे पत्नी वालेंटीना और बेटी येलेना और गलिन को छोड़ गये थे।

कुछ खास बातें

– 4 अक्टूबर, 1957 को रूस ने सबसे पहला मानव निर्मित सैटेलाइट स्पुतनिक-1 को अंतरिक्ष में छोड़ा था। बास्केट बॉल के आकार का यह सैटेलाइट 183 पाउंड (लगभग 83 कि.ग्रा.) वजनी था। स्पुतनिक को पृथ्वी का चक्कर लगाने में 98 मिनट का वक्त लगता था।

– अमेरिका ने अपोलो-11 अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर 20 जुलाई, 1969 को उतारा था।

– अभी तक रूस और अमेरिका के बाद चीन ने ही अंतरिक्ष में अपने दम पर अंतरिक्ष यात्री भेजे हैं।

– गागरिन जब धरती पर लैंड कर रहे थे, तो वे वेहिकल में नहींथे। करीब 7000 मीटर की ऊंचाई पर ही वे वेहिकल से अलग हो चुके थे और पैराशूट के जरिए उन्होंने लैंड किया। यह सेफ्टी रीजन को ध्यान में रख कर किया गया था। हालांकि इस बात को सोवियत यूनियन ने दशकों तक छुपाए रखा था।

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