15 अगस्त : स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है. 15 अगस्त (15 August) 1947 को भारत को अंग्रेजों के शासन से आजादी मिली थी और यही कारण है कि 15 अगस्त का दिन हर किसी के लिए बेहद खास है. भारत की आजादी (Independence Day) के दिन जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण दिया था. जिसे हम ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ से जानते हैं. यह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के द्वारा संसद में दिया गया पहला भाषण है. हर स्वतंत्रता दिवस (India Independence Day) पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं. लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था. लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था. भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण भी 15 अगस्त को नहीं हुआ था. इसका फैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ. 

ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल 4 जुलाई 1947 को पेश किया गया. इस बिल में भारत के बंटवारे और पाकिस्तान के बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था. यह बिल 18 जुलाई 1947 को स्वीकारा गया और 14 अगस्त को बंटवारे के बाद 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को भारत की आजादी की घोषणा की गई थी. भारत की आजादी के जश्न में महात्मा गांधी शामिल नहीं हुए थे. जब भारत को आजादी मिली थी तब महात्मा गांधी बंगाल के नोआखली में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे.

लेकिन क्या आपने सोचा है कि देश की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख को ही क्यों चुना गया?  इस बारे में अलग-अलग इतिहासकारों की मान्यताएं भिन्न हैं. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सी राजगोपालाचारी के सुझाव पर माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी. सी राजगोपालाचारी ने लॉर्ड माउंटबेटन को कहा था कि अगर 30 जून 1948 तक इंतजार किया गया तो हस्तांतरित करने के लिए कोई सत्ता नहीं बचेगी. ऐसे में माउंटबेटन ने 15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता के लिए चुना. 

वहीं, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख को शुभ मानते थे इसीलिए उन्होंने भारत की आजादी के लिए ये तारीख चुनी थी. 15 अगस्त का दिन माउंटबेटन के हिसाब से शुभ था क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के समय 15 अगस्त, 1945 को जापानी आर्मी ने आत्मसमर्पण किया था और उस समय माउंटबेटन अलाइड फ़ोर्सेज़ के कमांडर थे. 

आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं, वह सब भारत माता के उन सपूतों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपना सर्वस्व देश के नाम कर दिया था। भारत के प्रसिद्ध विद्वानों, कवियों, इतिहासकारों अथवा लेखकों ने भारत का सामाजिक रूप से सुधार करके भारत की आजादी में चार चांद लगाए।

भारत वर्ष को पहले की भांति सोने की चिड़िया बनाना है तथा आजादी का सही अर्थ समझना है, प्रत्येक भारतीय को अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा, तभी हमारा देश पूरे विश्व में एक महाशक्ति बनकर सामने आएगा। यही हमारा मुख्य ध्येय है। भारत माता की जय, हम सब एक हैं, वन्दे मातरम्‌।

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1 भारत के स्वाधीनता आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था। लेकिन जब देश को 15 अगस्त 1947 में आजादी मिली तो वे इसके जश्न में शामिल नहीं हुए थे।

2. महात्मा गांधी उस दिन दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में थे, जहां वे हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए वे अनशन कर रहे थे।

3. जब तय हो गया कि भारत 15 अगस्त को आजाद होगा, तो जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी को एक पत्र भेजा। इस पत्र में लिखा था, ’15 अगस्त हमारा पहला स्वाधीनता दिवस होगा। आप राष्ट्रपिता हैं, इसमें शामिल हों आप अपना आशीर्वाद दें।’

4. गांधीजी ने इस पत्र का जवाब भिजवाया, ‘जब कलकत्ता में हिन्दू-मुस्लिम एक-दूसरे की जान ले रहे हैं, ऐसे में मैं जश्न मनाने के लिए कैसे आ सकता हूं? मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान दे दूंगा।’

5. जवाहरलाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ 14 अगस्त की मध्यरात्रि को वायसराय लॉज (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) से दिया गया था।

6. तब नेहरू प्रधानमंत्री नहीं बने थे। इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना, लेकिन गांधी उस दिन 9 बजे सोने चले गए थे।

7. 15 अगस्त 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने अपने कार्यालय में काम किया। दोपहर में नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपी और बाद में इंडिया गेट के पास प्रिंसेज गार्डन में एक सभा को संबोधित किया।

8. हर स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं, लेकिन 15 अगस्त 1947 को ऐसा नहीं हुआ था। लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।

9. भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के प्रेस सचिव कैंपबेल जॉनसन के अनुसार मित्र देशों की सेनाओं के सामने जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ 15 अगस्त को पड़ रही थी, इस कारण इसी दिन भारत को आजाद करने का फैसला किया गया था।

10. 15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था। इसका फैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ, जो कि भारत और पाकिस्तान की सीमाओं को निर्धारित करती थी।

11. भारत 15 अगस्त को आजाद जरूर हो गया लेकिन उस समय उसका अपना कोई राष्ट्रगान नहीं था, हालांकि रवीन्द्रनाथ टैगोर ‘जन-गण-मन’ 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन यह राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया।

12. 15 अगस्त भारत के अलावा 3 अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है- दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त 1945 को आजाद हुआ। ब्रिटेन से बहरीन को 15 अगस्त 1971 को आजादी मिली थी और फ्रांस ने कांगो को 15 अगस्त 1960 को स्वतंत्र घोषित किया था।

13. 15 अगस्त 1519 को पनामा शहर बनाया गया।

14. 15 अगस्त 1772 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने विभिन्न जिलों में अलग सिविल और आपराधिक अदालतों के गठन का फैसला लिया था।

15. 15 अगस्त 1854 को ईस्ट इंडिया रेलवे ने कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) से हुगली तक पहली यात्री ट्रेन चलाई थी हालांकि आधिकारिक तौर पर इसका संचालन 1855 में शुरू हो सका था।

16. 15 अगस्त 1872 को ब्रिटिश राज से भारत को आजादी दिलाने में शामिल रहने वाले महर्षि अरबिंदो घोष का जन्म हुआ था।

17. 15 अगस्त 1950 के दिन असम में भीषण भूकंप आया था जिसके कारण यहां करीब 1,500 से 3,000 लोगों की मौत भूकंप के कारण हो गई थी।

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