आवाज आपके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा है। अगर आपकी पर्सनैलिटी काफी अच्छी है लेकिन आपकी आवाज उस हिसाब से ठीक नहीं है, और इस वजह से आपको हर जगह शर्मिंदा होना पड़ता है तो आज हम आपको उस शर्मिंदगी से बचने के उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। दुनिया में बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनकी आवाज काफी मोटी और भद्दी होती है, तो कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो बहुत ही मीठा बोलते हैं। खराब आवाज वाले लोग ऐसे लोगों को देखकर काफी निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें अपनी इसी आवाज के साथ जिंदगी भर रहना पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। योग के कुछ आसनों का इस्तेमाल कर आप भी अपनी आवाज को आकर्षक और सुरीला बना सकते हैं।

आवाज को मधुर और सुरीला बनाने के लिए सबसे कारगर उपाय है भ्रामरी प्राणायाम। इसे करने में भंवरे जैसी आवाज आती है इसलिए इसका नाम भ्रामरी प्राणायाम है। इससे न सिर्फ आवाज सुरीली बनती है बल्कि यह दिमाग को शांत और एकाग्र बनाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं। कमर को बिल्कुल सीधा रखते हुए दोनों हाथों के अंगूठों से अपने दोनों कानों को बंद कर लें। अब नाक से सांस खींचकर गले से भंवरे की तरह गुंजन करते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें।इस अभ्यास को नियमित रूप से हर दिन 10- 15 बार करें।

आवाज को सुरीला बनाने के अलावा जो लोग बोलने में बाधा का अनुभव करने की समस्या से परेशान हैं या फिर जिन्हें उच्चारण संबंधी शिकायत है, उनके लिए सिंहासन बेहतर विकल्प है। इस आसन को करने में शेर की तरह आवाज निकालने की वजह से इसे सिंहासन कहा जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। दोनों घुटनों के बीच दूरी रखते हुए पंजों को नीचों की ओर मोड़ें। हाथों को घुटनों पर रखते हुए गहरी श्वांस अंदर खींचें। जीभ को बाहर निकालकर फैलाएं और शेर की तरह दहाड़ लगाने की कोशिश करें। यह आवाज को बेहतर बनाने के लिए सबसे उपयुक्त आसन है। गायकों आदि के लिए यह आसन काफी फायदेमंद है।

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